कृष्णा फिर चले आओ
कृष्णा फिर चले आओ, गीता का ज्ञान सुनाने। हज़ारो अर्जुन बेबस है, किसी एक कि नैय्या पार लगाने। कृष्णा फिर चले आओ, गीता का ज्ञान सुनाने।। क्रोध, अहंकार रूपी कौरव भरे पड़े है, द्रोपती की अस्मिता खतरे में है, पांडव फिर लाचार खड़े है। जीवन के धर्म युद्ध मे मार्ग दिखाने, कृष्णा फिर चले आओ, गीता का ज्ञान सुनाने।। सिहांसन पर धृतराष्ट्र का राज है, भीष्म अपनी ही सौगंध के दास है। अधर्मियों को सबक सिखाने, फिर से इस महाभारत का शंखनाद करने, कृष्णा फिर चले आओ, गीता का ज्ञान सुनाने।। ©नितिन